NCRkhabar@Bhiwadi. अलवर जिले के विश्व प्रसिद्ध सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र से आये एक बाघ ने गुरुवार को खुशखेड़ा थान क्षेत्र (Khushkheda Police Area) के महेशरा गांव के एक बुजुर्ग पर हमला कर दिया। इसके बाद घायल का रेवाड़ी के एक अस्पताल में ईलाज करवाया गया। सूचना मिलने के बाद खुशखेड़ा थाना पुलिस एवं सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र (Sariska) व किशनगढ़बास से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तथा पदचिन्हों के आधार पर जंगली जानवर की तलाश करने का प्रयास कर रही है। जानकारी के मुताबिक करीरी गांव निवासी बुजुर्ग किसान रघुवीर ने महेशरा गांव में खेत में सिंचाई के लिए फव्वारा लगाने गए हुए थे, तभी एक जंगली जानवर ने उनके ऊपर हमला कर दिया। हमले में रघुवीर गंभीर रूप से घायल हो गए। रघुवीर के आवाज लगाने पर आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा उसे उपचार के लिए रेवाड़ी (Rewari) के अस्पताल में लेकर गए। रघुवीर पर नर बाघ के हमला करने की पुष्टि वन विभाग की ट्रैकिंग की टीम ने की है। फिलहाल आसपास के ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है और लोग खौफ के साये में जी रहे हैं।
वन विभाग ने की ट्रैकिंग टीम ने नर बाघ के हमले की पुष्टि
उपवन संरक्षक अलवर ने गुरुवार को एक एडवाजरी जारी कर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। उपवन संरक्षक ने बताया कि विगत तीन माह से नर बाघ एसटी 2303 वन मंडल अलवर के किशनगढ़बास रेंज के रुंध व इस्माईलपुर एवं आसपास के इलाकों में विचरण कर रहा है। इसकी वन विभाग की ओर से नियमित रूप से ट्रेकिंग की जा रही है। गत बुधवार की सुबह से नर बाघ वन क्षेत्र से निकलकर खेतों के रास्ते उत्तर की दिशा में मूवमेंट कर रहा है। इसके पगमार्क बुधवार की शाम को कोटकासिम के बसई वीरथल गांव में पाए गए थे। इस नर बाघ ने गुरुवार को दोपहर के वक़्त भिवाड़ी के नजदीक महेशरा गांव के बुजुर्ग किसान रघुवीर पर हमला कर दिया। नर बाघ के हमले की पुष्टि वन विभाग की ट्रैकिंग की टीम ने की है।
आमजन के लिए वन विभाग ने जारी की एडवाईजरी
उप वन संरक्षक अलवर ने बताया कि वन मंडल अलवर एवं बाघ परियोजना क्षेत्र सरिस्का की स्पेशल रेस्क्यू टीम टाईगर की लोकेशन पता करने की लागातार कोशिश कर रही है।जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को जानकारी देकर नियमित गश्त करने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा समीपवर्ती गांवों में नियमानुसार चेतवानी जारी कर पंपलेट बांटे गए हैं।
– सुबह सात बजे से पहले एवं शाम पांच बजे के बाद खेतों में नहीं जाएं और किसी भी स्थिति में अकेले खेतों में नहीं घूमें।
– बाघ के दिखाई देने पर अथवा किसी मवेशी के वन्यजीव द्वारा शिकार होने पर तत्काल वन विभाग की टीम को सूचना दें।
– बाघ के दिखाई देने पर भीड़ या शोर नहीं करें तथा पत्थर व लकड़ी आदि मारकर बाघ को परेशान नहीं करें।