राजस्थान में भजन लाल शर्मा के सिर पर सजा मुख्यमंत्री का ताज, दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा होंगे उपमुख्यमंत्री, जयपुर में भाजपा विधायक दल की बैठक में लिया गया फैसला

NCRkhabar@Bhiwadi. राजस्थान (Rajasthan) के नए मुख्यमंत्री (CM) को लेकर पिछले कई दिन से जारी कयासबाजी का दौर मंगलवार को खत्म हो गया और जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) के सिर ताज सज गया है। दिल्ली से आए आये पर्यवेक्षक व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य दो पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया व नवनिर्वाचित विधायकों से बातचीत की। इसके बाद विधायक दल की बैठक हुई और भजन लाल शर्मा का नाम तय कर लिया गया।

भरतपुर के रहने वाले हैं भजनलाल शर्मा

भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। वे प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया और पहली बार में ही वे सीएम बने हैं। मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। वे 4 बार प्रदेश महामंत्री रहे हैं और आरएसएस व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं।

सांगानेर से विधायक हैं भजनलाल शर्मा

बताते चलें कि सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ है. ऐसे में भजन लाल शर्मा ने जीत दर्ज की. संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.

पर्यवेक्षकों व विधायक दल बैठक में लिया फैसला

भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया था. आज दोपहर तीनों नेता जयपुर पहुंचे, विधायकों संग बैठक की. आज दोपहर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से वन टू वन मीटिंग की थी. उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी। गौरतलब है कि राजस्थान का रण जीतने के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि सीएम किसे चुना जाए लेकिन सीएम पद की यह रेस अब थम गई है। इस रेस में कई नाम चल रहे थे और सबसे ऊपर पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम चल रहा था। राजे पहले भी राजस्थान की कमान संभाल चुकी हैं। इसके अलावा राजस्थान में हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता बाबा बालकनाथ के नाम की चर्चा चल रही थी। इसके अलावा गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी और राजवर्धन राठौड़ जैसे नाम भी रेस में थे लेकिन भाजपा नेतृत्व ने इन लोगों से हटकर नया नेतृत्व तय कर दिया।

 

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चुनाव विकास के आधार पर लड़ा जाना चाहिए या सांप्रदायिकता पर।
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