NCRkhabar@ Nathdwara, Rajsamand. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से हर घर लाभार्थी बना है। हर गांव और हर परिवार तक सुशासन की पहुंच सुनिश्चित हुई है। महंगाई राहत कैम्प के जरिए प्रदेशवासियों को आर्थिक सम्बल मिला है। प्रदेश में लागू योजनाओं सहित स्वास्थ्य का अधिकार, गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी जैसे कानूनों की देश-दुनिया में चर्चा होना कुशल वित्तीय प्रबंधन और जनता के सरकार के प्रति विश्वास को दर्शाता है। गहलोत मंगलवार को राजसमंद के नाथद्वारा में मिशन-2030 के तहत मार्बल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों, कर्मचारियों व पिछवाई पेंटिंग के कारीगारों से संवाद और विभिन्न विकास कार्यों के शिलान्यास व लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री वीसी के जरिए मुख्यमंत्री निवास से जुड़े। समारोह में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 74 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और 294 करोड़ रुपए के कार्यों का शिलान्यास हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान अब शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, रोजगार, उद्योग, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। राजस्थान को अब वर्ष 2030 तक देश का अव्वल राज्य बनाना है। इसके लिए मिशन-2030 की शुरूआत की है, जिसमें 2.50 करोड़ लोगों द्वारा सुझाव दिए जा चुके हैं। उन्हीं के आधार पर 5 अक्टूबर, 2023 को विजन-2030 डॉक्यूमेंट जारी किया जाएगा। इसी के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से राज्य का मजबूत विकास होगा। उन्होंने कहा कि मिशन के लिए एक प्रकोष्ठ भी बनाएंगे, जिससे सुझावों का नियमित संकलन हो सकेगा।
गहलोत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक डॉ. सी.पी.जोशी के नेतृत्व में नाथद्वारा का चहुमुंखी विकास सम्भव हुआ है। आज हुए करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास से प्रगति की गति और बढ़ेगी। राज्य सरकार ने जनता से किए वादों को पूरा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट और कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 2000 यूनिट निःशुल्क मिलने से राहत मिली है। इससे हर परिवार लाभार्थी बना है। राज्य में 5 वर्षों में 300 से अधिक महाविद्यालय और लगभग 96 विश्वविद्यालय खोले गए हैं। लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से धार्मिक स्थलों पर विकास कार्य कराए गए हैं। लम्पी रोग से मृत पशुओं पर पशुपालकों को 40-40 हजार रुपए की सहायता दी गई। साथ ही, अब कामधेनु पशु बीमा योजना में दो दुधारू पशुओं का 40-40 रुपए का बीमा किया जा रहा है। पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर दूध अनुदान देने से उन्हें आर्थिक सम्बल मिला है और राजस्थान पड़ौसी राज्य उत्तरप्रदेश को पीछे छोड़कर दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर भी आ गया है।
प्रधानमंत्री राजस्थान की योजनाएं देश में भी करें लागू
– राज्य कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। सबसे पहले राजस्थान में ओपीएस को पुनः लागू किया गया। केंद्र सरकार भी मानवीयता के आधार पर लिए गए इस निर्णय को देश में लागू कराए।
– मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए का बीमा दिया गया है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून लाया गया है। निःशुल्क दवा, निःशुल्क जांच सहित ऑर्गन ट्रांसप्लांट चिकित्सा सुविधा निःशुल्क की गई है। देश में भी यह कानून बनाकर लागू होनी चाहिए।
– इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना में 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। राज्य के बाद केंद्र ने मात्र 200 रुपए कम किए हैं, जबकि उन्हें देश में भी 500 रुपए में सिलेंडर उपलब्ध कराना चाहिए।
– राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। इससे सामाजिक स्तर बढ़ा है। केंद्र भी राइट टू सोशल सिक्योरिटी एक्ट लागू कर जरूरतमंदों को पेंशन उपलब्ध कराए।
– गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट बनाकर डिलिवरी करने वाले वर्ग को सुरक्षा प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री भी एक्ट लागू कर एक समान योजना से लाभान्वित करें।
– राज्य सरकार ने जिस तरह राज्य सहकारी बैंकों से लगभग 22 लाख किसानों के लगभग 15 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कराया। उसी तरह प्रधानमंत्री राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों के कर्ज का वन टाइम सेटलमेंट कराए। राज्य सरकार किसानों की राशि स्वयं वहन करेगी। राजस्थान में किसानों की जमीनों की कुर्की रोकने के लिए कानून लाया गया है, केंद्र भी किसानों के हितों में कानून बनाए।
समारोह में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।