Education@ncrkhabar.com कस्बे के थड़ा गांव (Thada Village) व आसपास की सोसायटीज से शनिवार सुबह स्कूली बच्चों को लेकर यूरो इंटरनेशनल स्कूल धारुहेड़ा (Kro International Dharuheda) जा रही बस का चालक धर्मवीर नशे की हालत में बस चलाता पाया गया। चालक की लापरवाही के कारण बस में बैठे बच्चों की सांस अटकी रही। ग्रामीणों ने बस को लहराता देख रुकवा और चालक को बस से नीचे उतारकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा किया। सूचना मिलने के बाद यूरो स्कूल का स्टाफ मौके पर पहुंचा, जिसे अभिभावकों व ग्रामीणों ने जमकर खरी खोटी सुनाते हुए प्रिंसिपल को बुलाने को कहा। कुछ देर बाद प्रिंसिपल कल्पना यादव मौके पर पहुंचीं तथा अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रिंसिपल उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकीं। इसके बाद प्रिंसिपल वहां से रवाना हो गईं। उधर मटीला चौकी से आई पुलिस चालक धर्मवीर व बस को अपने साथ ले गई और बस को जब्त कर चालक को ड्रिंक एन्ड ड्राईव में गिरफ्तार कर लिया है।
ड्रिंक एन्ड ड्राईव में चालक धर्मवीर को गिरफ्तार कर लिया गया है और बस जब्त कर ली गई है।
– महेंद्र सिंह, एएसआई मटीला पुलिस चौकी भिवाड़ी।
ग्रामीणों की सजगता से टल गया हादसा
यहां बता दें कि हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में इस साल ईद के दिन हुई स्कूल बस की दुर्घटना के बावजूद स्कूल संचालकों ने कोई सबक हासिल नहीं किया है। अवकाश के दिन भी स्कूल खोलने के अलावा शराब पीकर बस चलाने वाले चालकों को नौकरी पर रख लिया जाता है। शनिवार सुबह थड़ा गांव से बच्चों को लेकर यूरो स्कूल धारूहेड़ा जा रही बस का चालक इशरोदा गांव निवासी धर्मवीर पिछले एक साल से स्कूल बस चला रहा था। वह इससे पहले भी शराब पीकर बस में बच्चों को बिठाकर ले गया है। शनिवार सुबह स्कूल बस में बच्चों के अलावा कंडक्टर व टीचर्स भी थीं लेकिन किसी ने नशे की हालत में चालक को बस चलाने से नहीं रोका लेकिन ग्रामीण बस को आगे नहीं रुकवाते तो बस विद्युत खंभे से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाती। उधर बस के अंदर बैठे बच्चे भी सहमे हुए थे। आक्रोशित ग्रामीणों ने चालक की पिटाई भी कर दिया। दीपक व लोकेश सहित अन्य अभिभावकों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन नशा करके वाहन चलाने वाले चालक को बस सौंपकर उनके बच्चों की जान जोखिम में डाल रहा है। वहीं मौके पर आए स्कूल स्टाफ ने कहा कि प्रतिदिन स्कूल में आने पर चालक के शराब पीने की जांच की जाती है लेकिन वह अभिभावकों को यह बताने में नाकाम रहे कि सुबह बस लेकर जाने से पहले चालक की जांच क्यों नहीं होती। मौके पर आई प्रिंसिपल कल्पना यादव से घटना के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया और वापस स्कूल चली गईं।
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