NCRkhabar@Bhiwadi..भिवाड़ी के कहरानी, चौपानकी, पथरेड़ी, सारखुर्द व बन्दापुर औद्योगिक क्षेत्र आने से मेवात में औद्योगिकरण तेजी से हुआ, जिससे मेवात का पिछड़ापन काफी दूर हुआ और लाखों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। वर्तमान समय में इन औद्योगिक क्षेत्रों में पेप्सी, बीकेटी, केईआई, कपारो, श्रीराम पिस्टन्स, रिलेक्सो, यूनाइटेड ब्रेवरीज सहित तकरीबन चौदह सौ कंपनियां संचालित हो रही है। इन कंपनियों में देशभर के लोग काम कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद इन औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। यहां पर सरकारी जमीनों व सड़क किनारे अतिक्रमण व फैक्ट्रियों के गंदा पानी छोड़ने की समस्या सबसे ज़्यादा विकट है। इसके अलावा टूटी सड़कें, कानून व्यवस्था व परिवहन के साधनों का अभाव है। मेवात से सटा इलाका होने की वजह से यहां पर वारदात करने के बाद पड़ोसी राज्य में चले जाते हैं।
उद्योगों के गंदे पानी से भूजल हुआ दूषित
कहरानी, चौपानकी, पथरेड़ी व बन्दापुर औद्योगिक क्षेत्र में तकरीबन चौदह सौ उद्योग स्थापित हैं, जिनका पानी खुले नालों के जरिए खाली प्लाट व लोगों के खेतों में भर रहा है। इससे ना सिर्फ भूजल दूषित हुआ है बल्कि लोग कई बीमारियों से ग्रसित हो चुके हैं और भूमि बंजर हो गई है। उद्योगों का पानी ट्रीट करने के लिए कहरानी ग्रीन ट्रीटर्स एसोसिएशन (एसपीवी) बनाई गई है और इसके तहत शाहरौद गांव की सीमा में छह एमएलडी का सीईटीपी बनाने के लिए आठ एकड़ भूमि रीको ने आवंटित किया है। एसपीवी को यहां पर सीईटीपी का निर्माण करवाना है लेकिन उद्यमी एसपीवी की सदस्यता नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद रीको, आरपीसीबी व जिला उद्योग केंद्र की ओर से एसपीवी की सदस्यता लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है जबकि इन उद्योगों के काम इन विभागों के द्वारा किए जा रहे हैं।
– चौपानकी, पाथरेड़ी व कहरानी औद्योगिक क्षेत्र में दूषित जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए शाहरौद में आठ एकड़ भूमि पर छह एमएलडी का सीईटीपी बनाना प्रस्तावित है। उद्यमी इसकी सदस्यता नहीं ले रहे हैं और विभागों की ओर से उद्यमियों को सदस्यता लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है। सीईटीपी बनने से दूषित जल की समस्या का समाधान होगा और आसपास के गांवों के लोगों को दूषित पानी व इससे होने वाली बीमारियों से निजात मिलेगी।
– चौधरी राम नारायण सिंह, अध्यक्ष बीसीसीआई
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