By Mazharuddeen Khan@ncrkhabar.com
द सागर स्कूल तिजारा (The Sagar School Tijara) का 24वां स्थापना दिवस (24th Foundation Day) शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पीटी बी.डी. शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल साइंस रोहतक की डाइग्नोसिस विभाग की प्रभारी वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ सीमा रोहिल्ला थीं। कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ। प्राचार्य डॉ.अम्लान के. साहा ने विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। द सागर स्कूल की चेयरपर्सन माननीया रोज़मेरी सागर ने आभासीय माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल की उपलब्धियों के लिए प्रिंसिपल डॉ.अम्लान के. साहा और विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को बधाइयाँ दी
द सागर स्कूल के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मोहक प्रस्तुति से वसुधैवकुटुंबकम का संदेश दिया। इसके अलावा जी-20 देशों के प्रमुख शास्त्रीय तथा लोक नृत्यों, संगीत, अंग्रेजी नाटक, माईम एवं गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित नृत्य नाटिका ‘चित्रांगदा’ के माध्यम से “वसुधैवकुटुंबकम” की सांस्कृतिक विरासत को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए तथा उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। विद्यार्थियों ने हिंदी, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन भाषाओं तथा विज्ञान, समाज विज्ञान, कला एवं वाणिज्य आदि विषयों की प्रदर्शनी में शोध तथा रचनात्मक कार्यों की अदभुत झलक दिखाई।
बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को निखारते हैं शिक्षक
मुख्य अतिथि डॉ सीमा रोहिल्ला ने विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए आत्मविश्वास के साथ उत्कृष्टता के मार्ग को जीवनपर्यंत कायम रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने शिक्षा व शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वास्तविक शिक्षक वे होते हैं जो हर बच्चों की छिपी प्रतिभाओं को उभारते हैं। डॉ सीमा रोहिल्ला ने सागर स्कूल के संस्थापक डॉ विद्या सागर की जीवनी व उनकी शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सागर स्कूल उनके सपनों का साकार कर रहा है। सागर स्कूल में सभी बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों, पर्यटन, खेलकूद, नृत्य, संगीत, कला आदि में हिस्सा लेने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही यहां के विद्यार्थी स्वयं शिक्षा ग्रहण करने के अलावा आसपास के गांव में जाकर बच्चों को साक्षर करने का प्रयास करते हैं। यहां के विद्यार्थी अंतराष्ट्रीय स्तर पर राउंड स्क्वायर, एएफएस ( अमेरिकन फील्ड सर्विस) व आईएवाईपी ( इंटरनेशनल अवार्ड फ़ॉर यंग पीपल) आदि की गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेकर अंतराष्ट्रीय व्यक्तित्व के गुणों को सीखते हैं।
द सागर स्कूल के प्रिंसिपल डॉ अम्लान के. साहा ने विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
Post Views: 524