Business Desk@NCRkhabar.com Bhiwadi
केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में एक अक्टूबर से पुराने डीजल जेनरेटर चलाने पर पाबंदी लगा दिया है, जिससे भिवाड़ी के उद्योगों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। भिवाड़ी में 1700 डीजल जेनरेटर हैं, जिसमे से 230 डीजी सेट पीएनजी से संचालित करने के लिए हरियाणा सिटी गैस को आवेदन किया गया है और वर्तमान समय में तकरीबन 40 डीजी पीएनजी से चल रहे हैं। इसके अलावा व्यावसायिक प्रतिष्ठान व आवासीय सोसायटीज में भी बड़ी संख्या में डीजल जेनरेटर हैं, जिनका कंवर्जन किया जाना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल (सीपीसीबी) ने गत दो सितंबर को पुराने डीजल जेनरेटर के कंवर्जन के लिए तीन वेंडर नियुक्त किया है, जिससे 30 सितंबर तक सभी डीजी सेट का कंवर्जन करवाना मुश्किल है। इसमें से भी 2014 के बाद वाले जेनरेटर का कंवर्जन किया जा सकेगा और तीनों वेंडर भी इसके लिए ही अधिकृत किए गए हैं। 30 सितंबर तक डीजी सेट को पीएनजी में कंवर्जन नहीं करवाए नहीं चलाया जा सकेगा। इस साल सीपीसीबी व सीएएक्यूएम वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। ऐसे में स्वच्छ ईंधन के बिना उद्योगों को संचालित करना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि, स्वच्छ ईंधन पर और डुअल मोड पर चलने वाले जेनरेटरों को छह अलग-अलग श्रेणियों में छूट रहेगी। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएमसी) ने डीजी सेट को लेकर दिल्ली और एनसीआर में शामिल राजस्थान, हरियाणा व यूपी को पहले ही आगाह कर दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि जिन शर्तों के साथ जेनरेटर के इस्तेमाल की छूट दी गई है, उसे लेकर 30 सितंबर तक तैयारियां पूरी कर ली जाएं। आयोग ने दिल्ली व राजस्थान, हरियाणा व यूपी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन पाबंदियों को लागू करने और उनकी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। 30 सितंबर तक डीजल जेनरेटर का कन्वर्जन नहीं करवाने पर एक अक्टूबर से इसको चलाने पर पाबन्दी रहेगी।
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